700 वर्ष पुराना रांची का देवड़ी मंदिर | deori Temple Ranchi Timings, Location, Distance from Ranchi
deori Temple Ranchi Timings, Location, Distance from Ranchi : 700 वर्ष पुराना चमत्कारिक रांची का देउड़ी मंदिर के बारे में साथ ही अगर आप यहां घूमने की सोच रहे हैं तो इस पोस्ट में हम आपको देवड़ी मंदिर की टाइमिंग, रांची से देवड़ी मंदिर की दुरी, और देवड़ी मंदिर के नजदीक टूरिस्ट प्लेस के बारे में भी बताएंगे

deori Temple Ranchi news : दोस्तों अगर आप रांची के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर घूमने के शौकीन हैं. झारखंड राज्य की राजधानी रांची सबसे Best tourist place है. रांची में कई प्राचीन और चमत्कारिक मंदिर स्थित है. आज हम इस पोस्ट में 700 साल पुरानी सोलह भुजा वाली मां दुर्गा के मंदिर के बारे में जानेंगे. यह प्रसिद्ध मंदिर मां देवड़ी मंदिर के नाम से जाना जाता है. यदि आप धोनी के फैन हैं, तो आपको यह जानकर हैरानी होगी कि धोनी जब भी मैच खेलने जाते हैं या मैच खेल कर वापस आते हैं तो इस मंदिर में मां दुर्गा के दर्शन अवश्य करते हैं.
इस मंदिर के प्रसिद्धि का एक कारण यह भी है, कि इस मंदिर पर महेंद्र सिंह धोनी की बहुत बड़ी आस्था है. धोनी के जीवन में रांची के देवड़ी मंदिर का बहुत ही खास स्थान है. महेंद्र सिंह धोनी की अटूट आस्था के कारण यह मंदिर और भी ज्यादा प्रसिद्ध है. तो चलिए जानते हैं 700 वर्ष पुराना चमत्कारिक रांची का देवरी मंदिर के बारे में साथ ही अगर आप यहां घूमने की सोच रहे हैं तो इस पोस्ट में हम आपको देवड़ी मंदिर की टाइमिंग, रांची से देवड़ी मंदिर की दुरी, और देवड़ी मंदिर के नजदीक टूरिस्ट प्लेस के बारे में भी बताएंगे
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- Ranchi Se Dewri Mandir Kitna Kilometre Hai
- Is Deori Mandir Open
- Ranchi to Deori Mandir by Bus
- Diwari Mandir Ka Photo
- Deori Mandir History
- Places to Visit Near Deori Mandir
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दिउरी मंदिर के खुलने का समय | Deori Mandir Opening Timings
दिउरी मंदिर के खुलने का समय और पूजा अर्चना का समय निम्न रूप से निर्धारित है, यदि आप इस मंदिर में देवी माँ के दर्शन के लिए जाने वाले है तो, तो Deori Mandir की Timings के बारे में आपको जरूर पता होने चाहिए.
जगन्नाथ मंदिर रांची के खुलने का समय | दिउड़ी मंदिर सुबह 5:00 बजे से शाम को 6:00 बजे मंदिर खुली रहती है, लेकिन 11:45 से 12:30 दोपहर में आरती होती है, और शाम की आरती होने के बाद मंदिर 7:00 बजे बंद हो जाती है. |
दिउरी मंदिर रांची में कैसे पहुंचे | Ranchi Se Dewri Mandir Kitna Kilometre Hai ?
मंदिर देवड़ी मंदिर रांची टाटा मार्ग NH 33 पर तमाड़ क्षेत्र में स्थित है, रांची से देवरी मंदिर की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है, यहाँ पहुचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा, निकटतम रेलवे स्टेशन और रोड मार्ग की सुविधा उपलब्ध है, जो आपको मंदिर तक ले कर जाती है. आपको दिउड़ी मंदिर तक पहुचने के लिए सभी प्रकार की Transportation की सुविधाए मिल जाती है.
दिउरी मंदिर कैसे पहुंचे | निकटतम हवाई अड्डा: बिरसा मुंडा इंटरनेशनल निकटतम रेलवे स्टेशन: रांची रेलवे स्टेशन रोड मार्ग: यहाँ पहुचने के लिए रांची टाटा मार्ग NH 33 सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध है, जहाँ आप Ranchi to Deori Mandir by Bus जा सकते है. |
रांची दिउरी मंदिर के निकट पर्यटन स्थल | Famous Places to visit near deori mandir
यदि इस मंदिर के आस पास ऐसे कई पर्यटन स्थल और मंदिर है, जो झारखण्ड के सबसे प्रसिद्ध धरोहर के रूप में जाने जाते है, जैसे सूर्य मंदिर, जगन्नाथपुर मंदिर, टैगोर हिल, रॉक गार्डन इत्यादि, अब यदि आप अपने परिवार के साथ दिउड़ी मंदिर में माँ के दर्शन करने आये तो लगे हाथ दिउड़ी मंदिर के निकट पर्यटन स्थल (places to visit near deori mandir) पर भी घुमाने जा सकते है, जो मंदिर से लगभग 20 km के अन्दर में है.
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places to visit near deori mandir | Distance From temple |
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सूर्य मंदिर | बुंडू के पास टाटा रोड, रांची दिउड़ी मंदिर से 0 किमी की दुरी पर स्थित |
बारुहातु तोती झरना | दिउड़ी मंदिर से लगभग 30.4 की दुरी पर स्थित |
रीमिक्स वॉटरफॉल | दिउड़ी मंदिर से लगभग 75.8 की दुरी पर स्थित |
दशम waterfall | दिउड़ी मंदिर से लगभग 41.1 की दुरी पर स्थित |
जगन्नाथ मंदिर | दिउड़ी मंदिर से लगभग 11.4 कि.मी की दुरी पर स्थित |
टैगोर हिल | दिउरी मंदिर से टैगोर हिल की दूरी लगभग 66.4 किलोमीटर |
रॉक गार्डन रांची | दिउरी मंदिर से रॉक गार्डन की दूरी लगभग 70.6 किलोमीटर |
पहाड़ी मंदिर | दिउरी मंदिर से पहाड़ी मंदिर की दूरी लगभग 67.4 किलोमीटर |
पंचघाघ जलप्रपात | दिउरी मंदिर से लगभग 66.5 किलोमीटर दूर खूंटी में |
बिरसा जूलॉजिकल पार्क | दिउरी मंदिर से लगभग 70.5 किलोमीटर दूर |
दिउड़ी मंदिर का निर्माण किसने कराया | History of deori temple in hindi
सोलहभुजी मां दुर्गा की प्राचीन मंदिर (Famous temple of Tamar) का इतिहास लगभग 700 वर्ष से भी अधिक पुराना है, ऐसे कहा जाता है की सम्राट अशोक इस देवी के दर्शन के लिए आते थे. दिउड़ी मंदिर के बारे में एक रोचक तथ्य यह भी है, की इस मंदिर को बनाने में पत्थरों को काट कर बिना जोड़े हुए एक दूसरे के ऊपर रखा गया है.
"दिउड़ी मंदिर का निर्माण किसने कराया" इसके पीछे कोई पुख्ता मत नहीं है, लेकिन इतिहास के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना पूर्व मध्यकाल में तकरीबन 1300 ई. में सिंहभूम के केरा नाम के मुंडा राजा ने युद्ध में परास्त होकर लौटते समय की थी। एक कथा के अनुसार केरा मुंडा राजा परास्त होकर देवरी आये और अपने साथ देवी की प्रतिमा भी लेकर आए और उसे वेणु वन में जमीन के अंदर गाड़ दिया था। बाद में उन्होंने यहाँ माँ दशभुजी का आह्वान कर उसकी मूर्ति स्थापित की थी, मंदिर की स्थापना करते ही मुंडा राजा ने अपने दुश्मन को पराजित कर अपना राज्य और राज्य सिंहासन वापस मिल गया था।
लेकिन ऐसा माना जाता है, की इस देवी माँ की मूर्ति की शैली, उड़ीसा मूर्ति शैली से मिलती है, कुछ लोगो का मानना हैं कि कलिंग अभियान के दौरान महान सम्राट अशोक ने दिउड़ी मंदिर का निर्माण करवाया. दिउड़ी मंदिर का निर्माण के पीछे कथाये कुछ भी हो, लेकिन प्राचीन काल से यह आस्था और धर्म का अनूठा केंद्र माना जाता है.
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दिउड़ी मंदिर का रहस्य | Mystery of Maa Deori Temple Jharkhand
दिउड़ी मंदिर से जुड़े कई रहस्य और रोचक बाते है, जो इस मंदिर के प्रति लोगो की आस्था और विश्वास को और अधिक बढ़ा देती है, रांची से 70 किलोमीटर दूर तमाड़ प्रखंड के दिउड़ी गांव में स्थित इस मंदिर में सोलहभुजी मां दुर्गा का मंदिर है। यहां 16 भुजी देवी की मूर्ती हैं। देवी की मूर्ती के ऊपर शिव की मूर्ती हैं, अगल-बगल में सरस्वती, लक्ष्मी, कार्तिक, और गणेश की भी मूर्तियां स्थापित हैं|
मां देवड़ी मंदिर में मां दुर्गा के रूप में मां काली की सोलह भुजा वाली साढ़े तीन फीट की ऊंची मूर्ति यहाँ के गर्भगृह में विराजमान है, इस मूर्ति की शैली उड़ीसा मूर्ति शैली से मेल खाती है. सोलह भुजा दुर्गा माँ अपने बाएं चार हाथों में धनुष, ढाल, परम एवं फूल लिए विराजमान है. लेकिन शेष चार हाथों में आयुध क्षतिग्रस्त रहने के कारण स्पष्ट नहीं है।
देवी के दाहिने हाथों में कई सारे शास्त्र जैसे तलवार, तीर, डमरू, गदा, शंख, त्रिशूल आदि हैं। उनका बाया पैर मुड़ा हुआ है और दाहिना पैर कमल पर है। वह बाजूबंद, कमरधनी, बाली आदि आभूषणों भी पहनी हुईं हैं।
दिउड़ी मंदिर में आदिवासी और हिन्दू संस्कृति का मेल
इस मंदिर की पूजा-पाठ मुख्य रूप से आदिवासी पुजारी पाहन करते है, इसी के साथ यहाँ आपको आदिवासी और हिन्दू संस्कृति का अनोखा मेल देखने को मिलाता है, इस बात का पता इस बात से लगाया जा सकता है, की छ: दिन माता की पूजा अर्चना यहाँ के पुजारी पाहन करते है, और सप्ताह में एक दिन यांनी मंगलवार को ब्राहमण कुल के पुजारी देवी की पूजा करते है.
धोनी का पसंदीदा रांची का मां दिउड़ी का मंदिर
तमाड़ स्थित दिउड़ी के मंदिर में पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अटूट आस्था और विश्वाश है, वे अपने हर मैच के पहले और मैच के बाद इस मंदिर में माँ के दर्शन को आते है, धोनी छोटी उम्र से ही इस मंदिर में अक्सर जाया करते है. धोनी का मानना है, माँ उनकी हर मनोकामना पूरी करती है, महेंद्र सिंह धोनी (माही) के आने से इस मंदिर की लोकप्रियता अहुर भी बढ़ गई है. धोनी के अलावे, और भी कई राज्य के और भी कई राजनेता भी इस मंदिर के निरंतर दर्शन करने आते है
यदि आप भी रांची के प्रमुख मंदिर में जाकर माँ के दर्शन करना चाहते है, तो famous tourist place of ranchi Deori Mandir का यह पोस्ट आपके आपके लिए हेल्पफुल रहा होगा. धोनी का पसंदीदा मां दिउड़ी का मंदिर के बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया है हमें ज़रूर बताये.